मौत के 38 साल बाद जी उठे डॉ. निर्मल!
कमलेश-कमलेश"...बिहार के किसानों के युद्ध के नायक रह चुके डॉ. निर्मल की प्रतिमा उनके अपने कॉलेज दरभंगा मेडिकल कॉलेज के परिसर में क्या लगी, राजनीतिक हलकों से लेकर चिकित्सकों तक के बीच जैसे तूफान खड़ा हो...
View Articleकॉरपोरेट नहीं जनता बनाएगी पहाड़ों में जल विद्युत परियोजनाएं!
-praxisप्रतिनिधि'जनता के जनतंत्र के लिए जनयात्रा'"...उत्तराखंड के टिकाऊ जनपक्षीय विकास के लिए जनता की प्रोड्यूसर्स कंपनी बना कर पर्यावरण पक्षीय १ मेगावाट की छोटी परियोजना बनाई जा सकती हैं। इसमें पूरी...
View Articleशी का सपना, ली के सुधार
सत्येंद्र रंजन -सत्येंद्र रंजन"क्या शी ने जिस चीनी सपने को जगाने की कोशिश की है,...
View Articleसुशासन बाबू की चाटुकारिता और वाम से किनारा करता मीडिया
विनय सुल्तान -विनय सुल्तान "...राष्ट्रीय मीडिया की चिंता में आया ये बदलाव यह भ्रम भी पैदा करता है कि कहीं प्रेस काउन्सिल की रिपोर्ट "प्रेशर टेक्टिस" तो नहीं बन गई। जिंदल कांड में हम मीडिया के इस...
View Articleप्रतिलिपियों की भीड़ में एक मौलिक कॉमरेड की स्मृति
-प्रणय कृष्णआज चंद्रशेखर की शहादत दिवस है। 31 मार्च 1997 को सिवान में आरजेडी सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के गुंडो ने चंद्रशेखर और उनके एक साथी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। कॉ चंद्रशेखर को याद करते हुए...
View Articleरूढ़िवाद का पलटवार!
सत्येंद्र रंजन -सत्येंद्र रंजन"...लेकिन बात सिर्फ यहीं तक नहीं है। जिन लोगों ने आज स्त्रियों की हिफाजत का बीड़ा उठाया है, वे भी...
View Articleक्रिकेट की आत्मा बचाने और बेचने का ‘टेस्ट’
-नंदलाल शर्मानन्दलाल शर्माआईपीएल को बाजार के खिलाड़ियों ने कैसे उपयोग किया इसे भी दो उदाहरणों से समझा जा सकता है। हममें से बहुतों को आईपीएल शुरू होने से पहले यह नहीं पता था कि एन. श्रीनिवासन की कंपनी...
View Articleकाश, काटजू कम बोलते!
सत्येंद्र रंजन-सत्येंद्र रंजन"...काटजू साहब की चिंता के दायरे में सिर्फ प्रेस नहीं है। उन्हें देश को बताना है कि भारत में कितने मूर्ख हैं, हमारी राजनीतिक व्यवस्था किस तरह के लोगों के वोट से तय होती है,...
View Articleबलात्कार और यौन हिंसा की समस्या : क्या होगा असल हल?
"...बलात्कार को केवल कुछ सिरफिरे लोंगों की अनियंत्रित यौनेच्छा का परिणाम मानना बेहद संकुचित विचार होगा साथ ही इसे केवल मनोविकृति और अपराधिक या असामाजिक कृत्य मानना भी इस कृत्य के कई पहलुओं की अनदेखी...
View Articleथैचर की कैसी विरासत?
सत्येंद्र रंजन-सत्येंद्र रंजन"...रेगन और थैचर ने जो कहा, उसे भारत में मनमोहन सिंह-मोटेंक सिंह अहलूवालिया और उनके हामी अनगिनत राजनेताओं एवं नीतिकारों के मुंह से हमने सुना। नरेंद्र मोदी उसे और भी पुरजोर...
View ArticleAttend an exclusive screening of Coal Curse
Coal CurseA film on the political economy of coal in India Coal Curse, film by Paranjoy Guha Thakurta, supported by Greenpeace, takes you on a journey to the land of dirty coal and the trails and...
View Articleकोयले के अभिशाप दर्शाने वाली फिल्म “कोल कर्स”
मुन्ना कुमार झा-मुन्ना कुमार झा"...इस फिल्म में उस विरोधाभास को दर्शाया गया है जिसके मुताबिक सिंगरौली एक तरफ तो भारत में बिजली उत्पादन का केंद्र है, वहीं दूसरी ओर खोयला खनन के चलते यहां विस्थापन,...
View Articleजहां से मैं निकला हूं वहां पहाड़ में जरूर आज भी एक जगह खाली होगी : मंगलेश डबराल
समकालीन हिंदी कविता/साहित्य जगत पर जब चर्चा करनी होगी तो कवि मंगलेश डबराल के नाम के बगैर यह अधूरी रह जायेगी. साथ ही हिंदी पत्रकारिता के पिछले कुछ दशकों का अगर उसके उतार-चढ़ावों के साथ रेखाचित्र खींचा...
View Articleप्राकृतिक सम्पदा की लूट, पानी नहीं कोक पियो!
जीवन चन्द्र 'जेसी'-जीवन चन्द्र 'जेसी'"...प्रदेश में आज भी सैकड़ों गाँव पीने के पानी से वंचित हैं और दूसरी तरफ बहुगुणा सरकार कोका कोला कम्पनी के साथ एम.ओ.यू. साइन कर कोका कोला बाटलिंग प्लान्ट को पानी...
View Articleबलात्कार की ही तरह घोर अमानवीय व सम्मान का उल्लंघन है 'टू फिंगर टेस्ट'!
नेहा झा-नेहा झा"...इस टेस्ट के परिणाम अगर सकारात्मक आ जायें तो बचाव पक्ष के वकील की चांदी हो जाती है। अब वो अदालत में साबित कर सकते हैं कि लड़की तो सेक्स की आदी थी और बलात्कार उसकी सहमति से हुआ है। अब...
View Articleपैसे का लोकतंत्र और पैसे की ख़बरें!
भूपेन सिंह-भूपेन सिंह"...सरकारी हलफनामे से ज़ाहिर होता है कि वह चह्वाण को बचाने के लिए अब तक प्रचलित न्यूनतम संवैधानिक व्यवस्था को भी पलटने की पूरी तैयारी में है. सरकार का कहना है कि चुनाव आयोग तभी...
View Articleएक 'फ़ौजी' से 'कॉमरेड' बना 'गढ़वाली'
इन्द्रेश मैखुरी -इन्द्रेश मैखुरी"...23 अप्रैल, 1930 को पेशावर में हुई इस घटना को इस तरह पेश किया जाता है जैसे कि गढ़वाली सिपाहियों ने क्षणिक आवेश में आकर यह कार्यवाही कर दी हो। जबकि वास्तविकता यह है कि...
View Articleफारबिसगंज का क्रूर गोलीकांड और नीतीश का छ्द्म सेकुलरवाद
सरोज कुमार-सरोज कुमार"...नीतीश कुमार जिस सेकुलर छवि व मुसलमानों के प्रति प्रेम को जाहिर कर रहे हैं वह फारबिसगंज जैसे मामले में हवा हो जाती है। पिछले दो सालों से अररिया जिले के फारबिसगंज गोलीकांड के...
View Articleदामिनी/निर्भया या सकली देवी होने का अंतर!
अरविंद शेष-अरविंद शेष"...लेकिन अपने बचे हुए का सबूत देने वाला वह समाज दरअसल किसका है? उसी दिन सामूहिक बलात्कार के बाद जिंदा जला दी गई दस साल की या सामूहिक बलात्कार के बाद हाथ और गर्दन तोड़ कर मार डाली...
View Article"ठाकुर से लड़ब त जियब कइसे...हमरा बोले से हमरो मार देगा..."
अविनाश कुमार चंचल-अविनाश कुमार चंचल "...साहु लगातार धमकी और जबरदस्ती करने लगा कि जमीन का कब्जा हमको दे दो। लगातर धमकी और मारपीट होने लगी। इसी बीच उन लोगों ने अपने मवेशी को हमारे खेत में चराना शुरु कर...
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