csat के बहाने भाषाई रंगभेद
-सौरभ त्रिपाठी "...जैसा कि मीडिया में प्रचारित कराया गया है कि यह आन्दोलन अंग्रेजी विरोधी या तकनिकी विरोधी है जबकि ये पूरी तरह गलत है। यह किसी के विरोध में न होकर एक बड़े समुदाय के अधिकारों समर्थन में...
View Articleबाल अपराध से निपटने का प्रश्न
सुनील कुमार-सुनील कुमार"...सवाल यह है कि जो बच्चा 11 साल की उम्र में घर से बाहर आता है, वह हर अच्छे बच्चे की तरह संवेदनशील, दूसरों की इज्जत करने वाला और परिवार की जिम्मेदारी उठाने वाला होता है। वह जब...
View Articleलाल किला और बहुमत का 'प्रधान सेवक'
अभिनव श्रीवास्तव-अभिनव श्रीवास्तव"...दरअसल प्रधानमंत्री बन जाने के बाद नरेंद्र मोदी कई अवसरों पर ‘छद्म उदारता’ से पेश आकर अपने राजनीतिक विरोधियों के सामने असमंजस की स्थिति पैदा करते रहे हैं। इसी कोशिश...
View Articleकौन है योजना आयोग का असली दुश्मन?
अभिषेक श्रीवास्तव-अभिषेक श्रीवास्तव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देश की जनता को तमाम हितोपदेश देने के साथ-साथ जो इकलौती कार्यकारी घोषणा की थी वह योजना आयोग को समाप्त किए जाने...
View Articleकितना जायज समूचे मिड डे मील पर प्रश्न?
-अभिषेक कुमार चंचल "....इनसारे सवालों का उठना लाजमी है, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि इस योजना ने स्कूलों में बच्चों के नामंकन को बढ़ाया है। अब स्कूल में सभी समुदाय के बच्चे एक साथ बैठ कर खाना खाते...
View Articleसौ दिन की हकीकत
सत्येंद्र रंजन-सत्येंद्र रंजन"...‘अच्छे दिन’ चाहने वालों में उन तबकों का बड़ा हिस्सा है- जिनकी पहचान मोदी ने नव-मध्य वर्ग के रूप में की थी। उनके लिए असली मुद्दे महंगाई और रोजगार हैं। महंगाई के मुद्दे...
View Articleसफाई तो ठीक पर क्या गंगा पहाड़ों से नीचे आएगी भी?
त्रेपन सिंह चौहान-त्रेपन सिंह चौहान "...नरेंद्र मोदी और आरएसएस का गंगा के प्रति आस्था का असली चेहरा तब उजागर हो जाता है, जब एक तरफ गंगा की निर्मलता पर देश का हजारों करोड़ रुपए बहने का ऐलान हो चुका है और...
View Article‘लव जिहाद’ का जातीय समाजशास्त्र
-राजीव यादव "...इस इलाके में पहले से ही गोत्रों और जातियों में गहरी खाई थी। ऐसे में बहुत आसानी से सांप्रदायिक भावनाओं को पाल पोसकर बड़ा करने वाले हिन्दुत्वादी संगठनों ने आगे इस इलाके में ‘बहू-बेटी...
View Articleयौन हिंसा का साम्प्रदायीकरण और न्याय का सवाल
गुफरन सिद्दीकी-गुफरन सिद्दीकी"...तो क्या निर्भया कांड के बाद हम एक समाज के बतौर बिल्कुल ही नहीं बदले हैं? ऐसा नहीं कहा जा सकता। हम संवेदनशील तो हुए हैं लेकिन हमारी संवेदना की अपनी सीमाएं भी उजागर हुई...
View Article'मैरी कॉम'के बहाने
प्रीति तिवारी-प्रीति तिवारी"...मैं ‘मैरी कॉम’ को ‘भाग मिल्खा भाग’ की अगली कड़ी के रूप में नहीं देखती बल्कि ‘पान सिंह तोमर’ के ज्यादा करीब देखती हूँ. सीधे तौर पर यहाँ प्रतिरोध की शक्ल अलग है पर...
View Articleइस सांप्रदायिक गठजोड़ पर क्यों नहीं होती कार्रवाई
- राजीव यादव"...सहारनपुर सांप्रदायिक हिंसा पर आई रिपोर्ट के बाद भाजपा ने ताल ठोका है कि सपा सरकार मुकदमा दर्ज करके दिखाए। जब प्रशासनिक अधिकारियों को मालूम था कि वहां सांप्रदायिक भीड़ इकट्ठा हो रही है...
View Articleकटती घास के बीच ज़िन्दगी सहेजती घसियारिनें
-त्रेपन सिंह चैहान "...हमारी घसियारी हमारे पारिस्थितिक तंत्र का वह हिसा है, जो जीवन यापन के पूरे चक्र से जुडा हुआ है। घसियारी होने की पहली शर्त है पशुओं से जुड़ा रहना। पशु पालन के लिए सिर्फ घास ही नहीं...
View Articleअधूरी और अकेली होकर भी मुकम्मल दुनिया : Finding Fanny
-उमेश पन्त"...फाइन्डिंग फैनी में कोई बहुत उम्दा कहानी तलाशने जाएंगे तो निराश होंगे। बड़े ट्विस्ट ढूंढते फिरेंगे तो भी खाली हाथ ही लौटेंगे। किसी दिल दहला देने वाले क्लाइमेक्स को खोजेंगे तो कुछ हाथ नहीं...
View Articleक्यों न हो सांप्रदायिक हिंसा के ‘अर्थशास्त्र’ पर बहस
- राजीव यादव"...मुजफ्फरनगर सांप्रदायिक हिंसाग्रस्त गांवों की वह तस्वीर नहीं भूलनी चाहिए, जिसमें सांप्रदायिक तत्वों को बचाने के लिए तमंचे, गड़ासा, पलकटी आदि घातक हथियारों के साथ प्रर्दशन हुए। आसानी से...
View Articleउपचुनाव नतीजों के सात सबक : पी साईनाथ
पी साईनाथ-पी साईनाथ अनुवाद- अभिनव श्रीवास्तवअपने अनैतिक और गोलमोल कामों से खुद के प्रति लोगों का मोहभंग करने में यूपीए-2 को पांच वर्ष का समय लगा, लेकिन भाजपा ने सिर्फ पांच महीने के अन्दर ही सबको गलत...
View Articleमोदी जी, पब्लिक है सब जानती है
सुनील कुमार-सुनील कुमार"....ये सभी घटनाएं मोदी जी आपके द्वारा लाल किले की प्राचीर से की गई अपील के बाद हुई है लेकिन आप इस किसी भी घटना पर अपना मुह खोलना वाजिब नहीं समझा। आप तो इस देश के ‘प्रधान सेवक’...
View Articleउन्मादी एजेंडे के बीच बनारस के अंदरूनी प्रश्न
-अंशु शरण"...लम्बे अरसे से बनारस भाजपा का मजबूत गढ़ है शहर में सभासद से लेकर सांसद तक भाजपा का ही रहता है जो मुख्य रूप से इस बदहाली के लिए जिम्मेदार भी है हालाँकि अब मिनी पीएमओ के खुलने के बाद भाजपाई...
View Articleआईसीएचआर के अध्यक्ष का ‘इतिहास बोध, अ-बोध’
अनिल यादव-अनिल यादव"...प्राचीन इतिहास लेखन में राव के अनुसार अब ‘कलेक्टिव मेमोरी’ को प्राथमिकता दी जायेगी। इतिहास के प्राथमिक और द्वितीयक स्रोतों को ताक पर रखकर अब किंवदंतियों और गाथाओं को आधार माना...
View Articleधर्मनिरपेक्ष ‘महागठबंधन’ और साम्प्रदायिक गुथ्थीयां
-राजीव यादव "...जैसा कि राजनीतिक विश्लेषक भी मान रहे हैं कि बिहार के नतीजे भाजपा को और तीखे ध्रुवीकरण की तरफ ले जाएंगे, जिसकी तस्दीक बिहार से आने वाली सांप्रदायिक तनाव की खबरें कर रही हैं। लालू-नितीश...
View Article'मुजफ्फरनगर कांड'का भी एक 2 अक्टूबर है
इन्द्रेश मैखुरी-इन्द्रेश मैखुरी"...जस्टिस रवि एस. धवन ने मुजफ्फरनगर काण्ड को राज्य का आतंकवाद करार दिया.जस्टिस ए.बी.श्रीवास्तव ने लिखा कि “महिलाओं का शीलभंग करना,बलात्कार करना,महिलाओं के गहने और अन्य...
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