December 16th Movement : Looking Back A Year Later
- Kavita KrishnanKavita Krishnan"...So, there was a very significant part of the movement that challenged the discourse of patriarchal protection and vengeance, and the class, caste, and communal...
View Articleमहिला विमर्शों का भाषायी रुख
प्रीति तिवारी- प्रीति तिवारी"...निस्संदेह, बलात्कार की यह घटना हिला देने वाली थी, लेकिन अपने आप में इस तरह की यह पहली घटना नहीं थी। राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो के आंकड़ें बताते हैं कि भारत में प्रतिदिन 50...
View Articleक्या चुनेगी दिल्ली!
-आशीष भारद्वाजआशीष भारद्वाज"...दिल्ली का अपना एक नायाब सा कैरेक्टर है: वो ऊपर से बदलती है लेकिन अंदर से एकदम स्थितिप्रज्ञ, ठहरी हुयी सी होती है. मानो उसे पता हो कि इतनी आसानी से कुछ नहीं बदलना. दिल्ली...
View Articleकांग्रेस का उद्धार हो कैसे?
सत्येंद्र रंजन-सत्येंद्र रंजन"...कांग्रेस नेताओं की आज अग्निपरीक्षा है। अगर उन्होंने स्थिति को समझने की अंतर्दृष्टि नहीं दिखाई तो उपयुक्त समाधान नहीं ढूंढना संभव नहीं होगा। उसके सामने अपना...
View Articleक्या आप के दुल्हे घोड़ी चढ़ेगे...?
-संजय वर्मा"...मास्लो के सिद्धांत की रोशनी में यदि 'आप'पार्टी के प्रति उमड़ी दिलचस्पी को देखें तो इस भीड़ के मनोविज्ञान को समझा जा सकता है। ये तमाम उम्मीदवार पिछले दस पन्द्रह सालों से जारी आर्थिक...
View Article'आम आदमी पार्टी'से कुछ सवाल
प्रैक्सिस के ई-मेल पते पर हालिया खूब चर्चा पाई 'आम आदमी पार्टी' (आप) के नेता अरविन्द केजरीवाल के नामे लिखित एक खुला पत्र प्राप्त हुआ है. यह पत्र 'We The People of India - हम भारत के लोग'नाम की एक...
View Articleयह सवाल बस समलैंगिकता का नहीं...
अतुल आनंद-अतुल आनंद"...समलैंगिकों के प्रति की जाने वाली नफ़रत, नस्लीय और अपने से अलग वर्ग, रंग, जाति, राष्ट्रीयता इत्यादि रखने वाले समुदायों के प्रति की जाने वाली नफ़रत से अलग नहीं है। विषमलिंगी होना...
View Articleकपास में लिपटी आत्महत्याएं : तेलंगाना डायरी
विनय सुल्तान -विनय सुल्तान"...मैं अच्छा किस्सागो नहीं हूँ और जो पाँच घटनाएँ मैं आपको बताने जा रहा हूँ वो भी कोई कहानी नहीं है। ये ऐसी त्रासदियों की ऐसी जंजीर है जिसमें एक-दूसरी से बड़ी त्रासदी का...
View Articleऑस्कर पुरस्कारों की राजनीती पर बात करती किताब
महेश चंद्र पुनेठा-महेश चंद्र पुनेठा "...विदेशी भाषा श्रेणी के ऑस्कर अवार्ड्स ने पिछले 64 सालों में अपनी इस भूमिका को किस रूप में और किसके पक्ष में निभाया तथ्यों के साथ रामजी इसका विश्लेषण करते हैं। वह...
View Articleऔर अंत में मनमोहन...
इन्द्रेश मैखुरी-इन्द्रेश मैखुरी"...यह बड़ा रोचक है कि भ्रष्टाचार के मामले पर मनमोहन सिंह ने अपने बचाव में वैसे ही तर्क दिए जैसे आम तौर पर भाजपा और मोदी समर्थक मोदी के दंगाई व्यक्तित्व के बारे में देते...
View Articleवैश्विक अनुभवों से 'आप'की पड़ताल
सत्येंद्र रंजन-सत्येंद्र रंजन"...राजनीतिक शब्दावली में ऐसी राजनीतिक शक्तियों को Populist कहा जाता है। भारत में राजकोष से जन-कल्याणकारी या लोकलुभावन कार्यक्रम चलाने की घोषणाओं या उन पर अमल को Populist...
View Articleमाध्यम भाषा के बहाने निजीकरण का एजेंडा
कंचन जोशी-कंचन जोशी"…शिक्षाशास्त्रीय दृष्टिकोण से यह एक स्पष्ट तथ्य है कि बच्चे को उसी भाषा में शिक्षा दी जानी चाहिए जो उसके परिवेश की भाषा है| परिवेश की भाषा से इतर अन्य किसी भी भाषा में शिक्षण बच्चे...
View Articleटिहरी रियासत के खिलाफ संघर्ष के महानायक
इन्द्रेश मैखुरी-इन्द्रेश मैखुरी"...किसानों पर होने वाले जुल्म के विरुद्ध दादा दौलतराम और नागेन्द्र सकलानी के नेतृत्व में किसानों के संघर्षों को संगठित किया गया.नागेन्द्र सकलानी युवा थे.देहरादून में हाई...
View Articleछद्म समाजवाद का मौजवाद
-सुनील कुमारसुनील कुमार"...मुजफ्फरनगर दंगे में कितने लोगों की मौत हुई, कितने घरों को जलाया गया, कितनी महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ व कितनी सम्पत्ति की नुकसान हुआ आज तक उसकी कोई सच्चाई समाने नहीं आ पाई...
View Articleभारत का विचारधारा मुक्त राजनीतिज्ञ
-थामस क्राउले"...मगर बारीकी से जाँच करने पर, केजरीवाल के शब्दाडंबरों से पता चलता है कि वह वाम ठप्पे को नकारने का स्वांग करते हुए कोई वाम पक्षीय आंदोलन खड़ा नहीं करने जा रहे हैं। उनका लोक लुभावनवाद सर्व...
View Articleयहाँ दूध में कुछ काला है!
अरविंद चौहानअरविंद चौहान"...ज्ञातव्य है कि वर्ष 2001 मे स्थापित इस इस डेयरी संघ का गठन स्थानीय स्तर पर बेरोजगारों को दुग्ध उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करना एवं रोजगार के अवसर पैदा करना था, लेकिन...
View ArticleAAP का Vigilantism
सत्येंद्र रंजन-सत्येंद्र रंजन"Rule of Law के तहत पुलिस एवं न्यायिक व्यवस्था से अपेक्षा रहती है कि निर्णय लेते समय वे अपनी निजी पसंद या अपने खास एजेंडे से प्रभावित ना हों, बल्कि जो बने हुए कानून हैं,...
View Articleसीखने-सिखाने की प्रक्रिया में परिवेशीय भाषा की भूमिका
महेश चंद्र पुनेठामहेश चंद्र पुनेठा"...यह माना जाता है कि बच्चे उसी वातावरण में सबसे अधिक सीखते हैं जहाँ उन्हें लगे कि वे महत्वपूर्ण समझे जा रहे हैं। बच्चे को महत्वपूर्ण समझे जाने की शुरूआत उसकी भाषा और...
View Articleखुर्शीद अनवर प्रकरण- सवाल और भी हैं!
अभिनव श्रीवास्तव-अभिनव श्रीवास्तव"...अपूर्वानंद और प्रियदर्शन दोनों की चिंताओं का यही सार है जबकि समस्या सिर्फ इतनी भर नहीं है। एक खास विचारधारा और समाज बदलाव के सपने जीने वाले हम लोगों को क्या मीडिया...
View Articleमुद्दों पर मुखोटों की राजनीति का दौर
सत्येंद्र रंजन-सत्येंद्र रंजन "...तोक्या सचमुच भाजपा ने अपने उस कथानक को अलविदा कह दिया है, जिसमें अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण, समान नागरिक संहिता पर अमल और धारा 370 की समाप्ति को ‘मुख्य...
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