'गीता' नाम की जिंदा 'दामिनी' का पत्र
यह एक पत्र है. एक महिला का पत्र. ये अपनी आप-बीती उन लोगों को बताना चाहती है जो दिल्ली में हुए जघन्य बलात्कार और देह विदारण की घटना पर अपना भरपूर आक्रोश दिखा चुके हैं. यह महिला बस वह महिला होते-होते बच...
View Articleसाधो! मैं तुम्हें शुभकामना देने में हिचकता हूँ...
हिंदी में व्यंग्य लेखन के पुरोधा हरिशंकर परसाई का 'नए साल' पर लिखा यह व्यंग्य प्रस्तुत है. समय थोड़ा आगे खिसक गया है लेकिन ना संदर्भ बदले हैं और ना परिदृश्य. गुजरे दौर का इस प्रकार का लेखन और ज्यादा...
View Articleएक रूमानी 'पोस्टर बाबा'
-विनीता यशस्वीअवस्थी मास्साब‘रुमानियत’ शब्द को शब्दकोशों से बेदखल कर दिया जाय. क़ानून बना दिए जाएँ कि अब यह शब्द वर्जित है. जितने ‘रूमानी’ दिखें सब को अंधियारी जेलों में धकेल दिया जाय ताकि वे बाहरी...
View Articleबदलाव कई मोर्चों पर चाहिए...
आदिल रज़ा खान"...बहरहाल सबसे ज़्यादा चिंता की बात है कि मार्केट ने युवाओं को इसकी ज़द में इस तरह जकड़ रखा है कि उनका इससे बाहर निकल पाना मुश्किल मालूम पड़ता है। प्रोटेस्ट के साथ ही खुद में वास्तविक...
View Articleयह अराजक भीड़ नहीं, लोकतंत्र की नई उम्मीद है
आनंद प्रधान"...जंतर-मंतर पर हो रहे विरोध प्रदर्शनों में सबसे ज्यादा युवा खासकर लड़कियां और महिलाएं उस गोलबंदी के साथ बैठने और नारे लगाने और गीत गाने में जुट रही हैं जिसकी अगुवाई वे प्रगतिशील-वाम संगठन...
View Articleसावधान! आजादी के नारों के बीच ही गूँज रहे है सामंती फरमान
-सरोज कुमार"...इस तरह की प्रवृति के वाहकों में सामंती और सांप्रदायिक शक्तियां ही काम कर रही हैं। इस प्रवृति के निषेध के बगैर महिला अधिकारों और उनकी सुरक्षा की बात करना बेमानी है। पुरुषवादी धार्मिक और...
View Articleसामंती-ब्राह्मणवादी भारत के बैकलैश के प्रतिनिधि हैं मोहन भागवत
-आनंद प्रधान "...आश्चर्य नहीं कि मोहन भागवत के सामंती-मध्ययुगीन ‘भारत’ में गांवों में सबसे अधिक बलात्कार होते हैं जिनमें सामंती-ब्राह्मणवादी दबदबे और वर्चस्व को बनाए रखने और उसे साबित करने के लिए...
View Articleडायरक्ट कैश ट्रांसफर यूपीए का चुनावी गेम चेंजर है जयराम!
दैनिक अखबार राष्ट्रीय सहारा के साप्ताहिक सप्लीमेंट 'हस्तक्षेप' में केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश का आलेख छपा जिसमें वे भारत सरकार के पायलट प्रोजेक्ट डायरेक्ट कैश ट्रांसफर को गेम चेंजर और...
View Articleमेरे कौमार्य से कीमती मेरा जीवन है : सोहेला अब्दुलाली
-पुष्यमित्र(इस आलेख के दो हिस्से हैं. लेखक ने पहले हिस्से में कन्फ्यूशियस के एक तीखे बयान के बहाने बलात्कार के प्रति समाज की पित्रसत्तात्मक मनःस्थिति को कठघरे में खड़ा किया है और दूसरे हिस्से में...
View Article'एक सैनिक की मौत' : अशोक कुमार पाण्डेय की कविता
अशोक कुमार पाण्डेय कल सीमा पर दो सैनिकों की बर्बर ह्त्या और उसके बाद आई भिन्न-भिन्न प्रतिक्रियाओं के दौरान मुझे अपनी एक काफी पुरानी कविता 'एक सैनिक की मौत' याद आई जो पहले प्रो लाल बहादुर वर्मा द्वारा...
View Articleविशाल भारद्वाज! क्या तुम हिजडों को इंसान नहीं समझते?
विनय सुल्तान -विनय सुल्तान किसानो का गेहूं जब स्थानीय मंडी में नहीं बिकता है तो मटरू गेहूं, “शक्तिभोग” को बेच कर बैंक की किस्त चुकाने का प्रयास करता है. "शक्तिभोग" इस फिल्म की प्रायोजक है. लेकिन फिल्म...
View Articleहडबड़ा गई है सामंती व्यवस्था, बडबड़ा रहा है पुरुषवाद!
अभिनव श्रीवास्तव"...संभवतः यही वजह है कि भारतीय समाज के एक बड़े हिस्से में महिलाओं के प्रति एक खास तरह के सामंती और नैतिकतावादी नजरिये का आधार और उसका समर्थन मौजूद है और जब-जब इस स्थापित संरचना को...
View Articleकारपोरेट संपादकों की 'चिंताएं' और 'मीडिया विमर्श'
भूपेन सिंह-भूपेन सिंह"...स्वनियमन के लिए बनाई गई संस्था एनबीएसए और उसकी जननी बीईए जिस स्वनियमन की बात करती हैं उस ‘स्व’ में आम पत्रकारों के लिए कोई जगह नहीं है. वह टेलीविजन एडिटर्स की पहलकदमी से बनाई...
View Articleयुद्धोन्माद से क्या हासिल होगा?
-सत्येंद्र रंजनसत्येन्द्र रंजन "...विपक्ष में रहते हुए भाजपा ने इस समझ से किनारा कर लिया है। उसकी नेता सुषमा स्वराज ने एक भारतीय सैनिक के सिर के बदले दस पाकिस्तानियों के सिर काट लाने जैसा गैर-जिम्मेदार...
View Articleअयोध्या में 'राम के नाम पर' अफवाह फैला रहे हैं अखबार!
शाहआलम"...अख़बार ABVP के हवाले से अपने पाठकों को बताते हैं कि 'राम के नाम' काल्पनिक फिल्म है, अयोध्या का नाम इस्लामपुरी है जिसे बाबर ने बसाया है, इसमें हिन्दू देवी-देवताओं, धर्मग्रंथों, हिन्दुओं का...
View Articleएनएसडी का ‘ड्रामा’ और ‘यह गुस्ताख कौन है'?
रोहित जोशी-रोहित जोशी"...एनएसडी ने मंटो का सम्मान किया या अपमान? क्या एनएसडी और भारंगम से जुड़े लोगों/कलाकारों को यह नहीं सोचना चाहिए? और क्या यह प्रश्न नहीं उठता कि एनएसडी द्वारा लिए गए इतने...
View Articleवामपंथी राजनीति के असमंजस
-अभिनव श्रीवास्तव अभिनव श्रीवास्तव "...यह आश्चर्य की बात है कि इन आंदोलनों से जुड़े वामपंथी दल अपनी राजनीतिक स्थिति और अपनी राजनीति की दिशा का संतुलित मूल्यांकन नहीं कर पाने के चलते यह नहीं देख पा रहे...
View Articleगंगनम, मोमो और पनीर-मोमो!
विधांशु कुमार-विधांशु कुमार'गंगनम' कहने लगा तुम दिल्ली वाले भी हर चीज़ में पनीर डाल देते हो- पनीर-परांठा तो समझ में आता है - ये पनीर-डोसा, पनीर-बिरयानी, पनीर-अप्पम क्या चीज़ है? पनीर का नाम सुनकर मेरे...
View Articleअभिनव प्रतिरोध की स्थायी उपलब्धियां
सत्येन्द्र रंजन-सत्येंद्र रंजन"...कहा जा सकता है कि अगर यूपीए सरकर ने जस्टिस जेएस वर्मा कमेटी का गठन सिर्फ जन-प्रतिरोध को ठंडा करने के लिए नहीं किया था, तो अब कमेटी की सिफारिशों के रूप में उसके सामने...
View Articleछात्राओं को छेड़ने वाले लड़कों को दण्डित क्यों नहीं करता बीएचयू प्रशासन!
सुधीर सुमन-सुधीर सुमन"...छात्राओं ने दोषी छात्रों के बारे में नाम लेकर शिकायत की है. छेड़खानी करने और धमकी देने वाले वाले मुख्य दोषी छात्र की मौजूदा सरकार के एक मंत्री के साथ रिश्ते की सूचना भी अखबारों...
View Article