संप्रदायिकता नहीं, जातीय वर्चस्व की जंग में आजमगढ़ में मुलायम
-मसीहुद्दीन संजरी"...आजमगढ़ में बसपा बनाम भाजपा की जंग अब मुलायम सिंह के प्रत्याशी बनने के बाद बसपा बनाम सपा तो होती दिखाई दे रही है, लेकिन 'मुसलमान सपा के साथ नहीं आया तो भाजपा जीत सकती है'वाली सपा की...
View Articleरिवाल्वर रानी फूलन देवी नहीं है...
अतुल आनंद-अतुल आनंद"...अगर रिवाल्वर रानी फूलन देवी नहीं है तो फिर क्या है? जवाब भी शायद फिल्म में ही मिल जाता है। क्लाइमेक्स में जिस गेस्ट हाउस की छत पर अल्का सिंह एक निर्णायक लड़ाई लड़ रही होती है,...
View Articleयह एक गाथा है… उनके लिए जो ज़िन्दगी से प्रेम करते हैं..
हावर्ड फास्ट-हावर्ड फास्ट'मई दिवस'विशेषवर्ष 1947 के मई दिवस के अवसर पर लिखा गया प्रसिद्ध अमेरिकी उपन्यासकार हावर्ड फास्ट का यह लेख मई दिवस की गौरवशाली परम्पराओं की याद एक ऐसे समय में करता है जब अमेरिका...
View Articleदांव पर है हमारा राष्ट्रवाद
-सत्येंद्र रंजनसत्येंद्र रंजन"...यह समझने की बात है कि आखिर वो भारतीय राष्ट्रवाद क्या है, और भाजपा क्यों उसकी एंटी-थीसिस (यानी प्रतिवाद) है? इसे हम भारतीय राष्ट्रवाद के उदय के ऐतिहासिक क्रम और इसके...
View Articleखुफिया एजेंसियों की जवाबदेही से डर क्यों?
-हरे राम मिश्र"...अब, सबसे गंभीर सवाल यह है कि आखिर ऐसा कितने दिन चलेगा? इसे रोका कैसे जाए? क्या यह सब लोकतंत्र को कमजोर नहीं कर रहा है? आखिर इन सबका इलाज क्या है? आखिर खुफिया एजेंसियों की जवाबदेही...
View Articleभाजपा और सामाजिक न्याय का सच
-मोहम्म्द आरिफ"...नरेन्द्र मोदी और बीजेपी के इस चुनावी पिछड़ा प्रेम को समझने के लिए गुजरात के बारे में समझ लेना आवश्यक होगा। गुजरात में जब दलित आरक्षण लागू किया गया था तो उस वक़्त ब्राह्मण, पाटीदार और...
View Articleइस तहजीब के नुकसान की भरपाई कौन करेगा ?
जयशंकरबैरागी-जयशंकरबैरागी"…औरहां सामने जो भैंस बंधी है उसी के दूध ईद पर आसपास के मुसलमान भाईयों के घर बंटता है जिससे इबाबत के लिए सैवई तैयार होती है। यहां ना 'मोदी के गुजरात का दूध'आता है न मुलायम की...
View Articleभगाणा में दलित उत्पीड़न और प्रतिरोध की प्रयोगशाला
सरोज कुमार-सरोज कुमार"…हिसार जिला मुख्यालय जहां डिप्टी कमिनश्नर और एसपी ऑफिस से लेकर कोर्ट तक मौजूद हैं, वहां पहुंचते ही मेरी मुलाकात डाबड़ा गांव की उस 17 वर्षीय दलित लड़की से हुई जिसके साथ 2012 में...
View Articleसंघ का मिशन मोदी
बद्री नारायण-बद्री नारायणअनुवाद- अभिनव श्रीवास्तव(EPWसे साभार अनुदित)"...संघ का राजनीतिक धड़ा भाजपा है और संघ ये दावा करता है कि वह कभी भी किसी राजनीतिक पार्टी के लिये काम नहीं करेगा हालांकि जबसे बतौर...
View Articleनए भ्रम का युग, मगर पुरानी आशंकाएं!
सत्येंद्र रंजन-सत्येंद्र रंजन "...नरेंद्रभाई के गुजरात के विकास मॉडल की हकीकत चाहे जो हो, लाखों लोग उससे आकर्षित हुए हैं। भाजपा के बुनियादी समर्थक समूहों के साथ इन्हीं लोगों के मेल से वह जनादेश तैयार...
View Articleतो अच्छे दिन आने वाले हैं!
-सुनील कुमारसुनील कुमार"…सवालयह है कि अच्छे दिन किसके लिए आने वाले हैं? क्या उन किसानों के लिए भी अच्छे दिन आने वाले हैं जो सरकारी नीतियों के कारण आत्महत्या करने और आधे पेट खाने को मजबूर हैं? क्या...
View Articleविकास का दिवास्वप्न
संजय बिष्ट-संजय बिष्ट"...मोदी के प्रचार की कॉर्पोरेटी बमबारी के बाद आम जनता का मन टटोलने से ये साफ नजर आ रहा है कि उसके दिमाग में आने वाले दिनों में एक ऐसे भारत की परिकल्पना है, जहां हर तरफ विकास ही...
View Articleनए जनादेश को कैसे समझें?
-सत्येंद्र रंजनसत्येंद्र रंजन"...दरअसल, भाजपा को बहुमत मिलने का कारण यह है कि उसके मजबूत आधार वाले राज्यों (गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ और झारखंड) में भी उसकी एकतरफा आंधी चली। उधर उत्तर...
View Articleनेहरू और नई चुनौतियां
सत्येन्द्र रंजन -सत्येंद्र रंजन"... पिछले दो-ढाई दशकों में दक्षिणपंथी आर्थिक नीतियों के ज्यादा प्रचलित होने, संपन्न और सवर्ण पृष्ठभूमि से उभरे मध्य वर्ग के मजबूत होने और अमेरिका-परस्त जमातों का दायरा...
View Articleमोदी, शरीफ की दोस्ती और अडानी का प्लांट
प्रवीन मिश्रा-प्रवीन मिश्रा(www.truthofgujarat.com से साभार लेकर अनुवाद)"...जो कुछ भी मोदी ने 'कहा' वह अपने वोट बैंक को लुभाने के लिए था। और जो कुछ भी मोदी 'कर' रहे हैं वह कॉरपोरेट के फायदे और हमारे...
View Articleऔर कितने विस्थापन?
अविनाश कुमार चंचल -अविनाश कुमार चंचल "...सिंगरौली में कई सारे पावर प्लाटं और कोयला खदान खुलने के बाद सिर्फ विनाश ही नहीं हुआ, विकास भी हुआ है। स्थानीय लोगों का विनाश, बाहरी जमीन और कोयला माफियाओं का...
View Articleमोदी सरकारः कैसा चेहरा, कैसी शुरुआत?
सत्येन्द्र रंजन-सत्येन्द्र रंजन नरेंद्र मोदी सरकार कैसी है, यह साफ होने में एक हफ्ते का वक्त भी नहीं लगा। नई सरकार को शपथ लिए एक सप्ताह सोमवार को पूरा होगा। इस बीच उसके स्वच्छ प्रशासन के दावे, सामाजिक...
View Articleकभी सोचा है दूर देश के परिंदे हमेशा साथ क्यूं रहते हैं?
अंकित फ्रांसिस-अंकित फ्रांसिस"...फिल्मअच्छी है तो है लेकिन कहीं-कहीं बेहद कमज़ोर है. जैसे डायरेक्शन पर बात की जाए तो एक दृश्य में राजकुमार राव मजदूरी (मतलब सीमेंट के बोरा ढोने जैसी) कर खांसते हुए लौटते...
View Articleदिल्ली का जल संकट और लोगों को जेल
सुनील कुमार-सुनील कुमार"…दिल्लीजल बोर्ड का दावा है कि उसके पास प्रति व्यक्ति 225 लीटर पानी प्रतिदिन उपलब्ध है तो इन बस्ती वालों को पानी क्यों नहीं दिया जा रहा है? रईस ईलाकों में 450 लीटर प्रति व्यक्ति...
View Articleइस तहजीब के नुकसान की भरपाई कौन करेगा ?
जयशंकरबैरागी-जयशंकरबैरागी"…औरहां सामने जो भैंस बंधी है उसी के दूध ईद पर आसपास के मुसलमान भाईयों के घर बंटता है जिससे इबाबत के लिए सैवई तैयार होती है। यहां ना 'मोदी के गुजरात का दूध'आता है न मुलायम की...
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