प्रवीन मिश्रा |
(www.truthofgujarat.com से साभार लेकर अनुवाद)
"...जो कुछ भी मोदी ने 'कहा' वह अपने वोट बैंक को लुभाने के लिए था। और जो कुछ भी मोदी 'कर' रहे हैं वह कॉरपोरेट के फायदे और हमारे देश के प्राकृतिक संसाधनों की लूट के लिए कर रहे हैं। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि मुकेश अंबानी ने 13 सितंबर 2013 को मोदी के बीजेपी पीएम उम्मीदवार बनने से उनके भाग्य पर 6 अरब डालर का निवेश किया है। गौतम अडानी की पूंजी सितंबर 13 के बाद 1.9 अरब डालर से चौगुनी होकर 7.6 अरब डालर हो गई है। यह इजाफा एक ऐसे देश में 2.5 करोड़ प्रतिदिन है जहां 80 करोड़ लोग प्रतिदिन 2 डालर से भी कम में अपना जीवन यापन कर रहे हैं।..."
साभार - http://pics.urduwire.com/ |
फाइनेंसियलएक्स्प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार अडानी पावर, नरेंद्र मोदी सरकार से पाकिस्तान को बिजली का निर्यात करने की मंजूरी चाहता है. अडानी पावर गुजरात के कच्छ इलाके में 10000 मेगावाट थर्मल पावर प्लांट लगाने की योजना बना रहा है और अडानी पावर की, इस विद्युत उत्पादन की एक भारी मात्रा को पाकिस्तान को निर्यात करने की योजना है। यह कंपनी (अडानी पावर) 8.7 बिलियन डालर के अडानी ग्रुप का हिस्सा है। यह कंपनी अपने 8520 मेगावाट की उत्पादन क्षमता के साथ देश में थर्मल पावर उत्पादन के क्षेत्र में निजि क्षेत्र की प्रतिनिधि कंपनी है। इस वित्तीय वर्ष में पावर ग्रुप की योजना, विद्युत उत्पादन की क्षमता को 10,000 मेगावाट से अधिक बढ़ाने की है।
बीजेपीके पीएम उम्मीदवार मोदी के, पाकिस्तान के खिलाफ नफरत भरे बयानों में सुर में सुर मिलाते हुए मीडिया ने भी ‘देहाती औरत’ वाले नवाज शरीफ के बयान को भारत का ‘सबसे बड़ा अपमान’ बताते हुए चेतावनी दी थी कि ‘देश इसे बर्दाश्त नहीं करेगा’.मोदी ने यह भी कहा था "जो भारतीय पत्रकार हमारे देश के पीएम के अपमान के वक्त नवाज शरीफ की बांटी मिठाई खा रहे थे,देश को उनसे मिठाई को लात मारने की उम्मीद थी। वे मेरे देशवासियों के प्रति जवाबदेह हैं, देश का अपना स्वाभिमान और गरिमा है।"
नरेन्द्रमोदी के साक्षात्कार करने के बाद टाइम्स नाव के मुख्य संपादक अर्नब गोस्वामी से नरेन्द्र मोदी के पाकिस्तान के बारे में विचारों के बारे में बात करने पर उन्होंने कहा-
पाकिस्तान पर, नरेंद्र मोदी पूरी तरह स्पष्ट हैं। उन्होंने एक आन रिकार्ड बयान दिया है कि यदि आतंकवाद जारी रहता है तो कोई भी बातचीत नहीं की जानी चाहिए। पहले यह चर्चा थी कि वे अपना रवैया कुछ नर्म करते हुए बीच का रास्ता अपना रहे थे। लेकिन टाइम्स नाव के साथ अपने इंटरव्यू में वे अपने रूख के बारे में बिल्कुल स्पष्ट थे। जैसा मैंने कहा कि यह आन रिकार्ड इंटरव्यू था और मरे हिसाब से यूपीए के पाकिस्तान के बारे में रवैये के बनिस्बत यह काफी अलग रवैया होगा।
भारतीयसैनिकों के गला काटने वालों से तत्कालीन सरकार के वार्ता करने के कदम की आलोचना करते हुए मोदी ने अर्नब गोस्वामी को दिए एक साक्षात्कार में कहा "बम, बंदूक और पिस्तौल की आवाज में बातें सुनाई दे सकती हैं क्या?" अब जब मोदी ने चुनावों में बहुमत पा लिया है, उनके रवैये में जबरदस्त यू-टर्न आया है और कोई भी असल वजहों के बारे में बात नहीं कर रहा है। आज मीडिया आपको वे सारी क्लिपिंग्स नहीं दिखाएगा। बजाय इसके अब मीडिया मोदी के इस कदम को रिजनल इंगेजमेंट की निति की दिशा में भावी प्रधानमंत्री के एक ठोस कदम के तौर पर दर्शाने की कोशिश में व्यस्त है।
अडानीपावर ने यूपीए 2 के साथ भी अपने कच्छ प्रोजेक्ट पर चर्चा की थी लेकिन वहां ज्यादा बात नहीं बन सकी। अब कंपनी आने वाली एनडीए सरकार से इस प्रपोजल पर कार्रवाई की उम्मीद कर रही है। कोयला आधारित इस परियोजना की शुरूआत 3300 मेगावाट से करके फिर इसे अगले 5 सालों में बढ़ा कर 10000 मेगावाट किया जाना है।
सूत्रोंके अनुसार इस परियोजना में शुरूआती खर्च 13000 करोड़ रूपये का होगा और परियोजना को 10000 मेगावाट तक बढ़ाने में यह खर्च 40000 करोड़ हो जाएगा। यह परियोजना अडानी पावर की सहयोगी 'कच्छ पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड'के संभावित नाम से शुरू होगी।केपीजीसीएल उत्पादन, निकासी और ट्रांसमिशन के लिए जवाबदेह होगी. सूत्रों के मुताबिक कच्छ के भद्रेश्वर में कंपनी के लिए जमीन का अधिग्रहण होना है। इस 31 मार्च 2014 को खत्म हुए चौथे तिमाही में अडानी पावर का कुल मुनाफा 2529 दर्ज किया गया जो कि पिछले वित्तीय वर्ष के तिमाही में उसे हुए 585.52 करोड़ के कुल नुकसान के विपरीत था। कंपनी के एक बयान के अनुसार वित्तीय वर्ष 14 में समेकित एबिटा में 4859 करोड़ की बढ़ोत्तरी हुई जो कि 322 प्रतिशत की वृद्धि है।
पिछलेहफ्ते राजस्व-आसूचना निदेशालय डीआरआइ ने अडानी ग्रुप पर कैपिटल इक्विपमेंट इंपोर्ट के अधिक मूल्यांकन के लिए 5500 करोड़ का शो कॉज नोटिस दिया था। इसके अलवा फर्म ने पिछले हफ्ते ही उड़ीसा में धर्मा पोर्ट के खरीद की घोषणा की।
जो कुछ भी मोदी ने 'कहा' वह अपने वोट बैंक को लुभाने के लिए था। और जो कुछ भी मोदी 'कर' रहे हैं वह कॉरपोरेट के फायदे और हमारे देश के प्राकृतिक संसाधनों की लूट के लिए कर रहे हैं। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि मुकेश अंबानी ने 13 सितंबर 2013 को मोदी के बीजेपी पीएम उम्मीदवार बनने से उनके भाग्य पर 6 अरब डालर का निवेश किया है। गौतम अडानी की पूंजी 13 सितंबर के बाद 1.9 अरब डालर से चौगुनी होकर 7.6 अरब डालर हो गई है। यह इजाफा एक ऐसे देश में 2.5 करोड़ प्रतिदिन है जहां 80 करोड़ लोग प्रतिदिन 2 डालर से भी कम में अपना जीवन यापन कर रहे हैं। सच है अच्छे दिन वाकई आ गए हैं.... पर कुछों के लिए. देश के अतिरंजित 'स्वाभिमान के नुकसान' को अगले चुनावों तक अब आराम करना चाहिए।
प्रवीन मिश्रा एक्टिविस्ट और लेखक हैं.
डाक्यूमेंट्री फिल्म मेकिंग में भी दखल.
डाक्यूमेंट्री फिल्म मेकिंग में भी दखल.