-Sanjay Rawat
प्रबंधन की उपेक्षा से आहत कर्मचारियों ने उठाया कदम
देहरादून।उत्तराखंड में जनसरोकारों की पत्रकारिता का पर्याय बना जनवाणी अखबार प्रबंधन की मनमानी की भेंट चढ़ गया है। प्रबंधन के अनैतिक दबाव और लंबे समय से वेतन का भुगतान न किये जाने से क्षुब्ध उत्तराखंड के समस्त कर्मचारी गुरुवार से पेनडाउन स्ट्राइक पर चले गए हैं।
समस्त संवादादाता और कर्मचारियों ने कानूनी लड़ाई लड़ने का फैसला कर लिया है।
मेरठ से गॉडविन मीडिया वेंचर प्रा.लि. के तहत प्रकाशित जनवाणी अखबार ने स्वतंत्र उत्तराखंड संस्करण के रूप में दिसंबर 2012 को स्थानीय संपादक योगेश भट्ट जी के नेतृत्व में देवभूमि में दस्तक दी थी।
तत्कालीन राज्यपाल डॉ. अजीज कुरैशी और तत्कालीन केंद्रीय मंत्री हरीश रावत ने संयुक्त रूप से उत्तराखंड संस्करण का लोकार्पण किया था। प्रबंधन द्वारा उपलब्ध कराये गए सीमित संसाधनों के बावजूद जनवाणी के संपादकीय, प्रसार एवं मार्केटिंग टीम के जुझारू कर्मचारियों ने पूरी ईमानदारी, निष्ठा और लगन के साथ इस अखबार को न केवल प्रदेश में स्थापित किया बल्कि पत्रकारिता में अपनी साख बनाई।
पिछले तीन वर्षों में वह चाहे सामाजिक सरोकारों से जुड़े मुद्दे हों या राज्य के विकास की बात हो या फिर राजनीतिक घटनाक्रम हों, हर मौके पर जनवाणी टीम ने अपनी भूमिका का सकारात्मक सोच के साथ बाखूबी पालन किया।
शायद बहुत कम लोगों को पता होगा कि प्रकाशन के छठवें महीने में ही यानी जून 2013 में ही प्रबंधन ने अखबार के प्रकाशन, प्रसार एवं वित्तीय व्यवस्था से अपने हाथ खींचने शुरू कर दिए।
कर्मचारियों को वेतन तक देने में अपनी असमर्थता जता दी। इन विषम परिस्थिति में भी टीम जनवाणी हिम्मत नहीं हारी और इस उम्मीद के साथ काम करती रही कि आज नहीं तो कल प्रबंधन अपनी जिम्मेदारी को समझेगा।
इन विपरीत परिस्थितियों में स्थानीय संपादक योगेश भट्ट अपनी टीम का मनोबल बढ़ाते रहे। वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर जनवाणी के कर्मचारियों ने एक सहकारिता समिति के जरिये खुद को जिंदा रखा और जनवाणी को आगे बढ़ाने का काम किया। इस तरह तीन साल बीत गए। टीम भावना को नोटिस कर हौसला बढ़ाने के बजाय प्रबंधन इस तरह की चेष्टा करता रहा जो कि पत्रकारिता के मूल सिद्धांतों के विपरीत है।
दरअसल, गॉडविन ग्रुप अखबार की आड़ में रियल एस्टेट व खनन के क्षेत्र में उत्तराखंड में अपने हित तलाश रहा है।
मामला सिर से ऊपर जाने के कारण अंतत गुरुवार को सामूहिक निर्णय के तहत उत्तराखंड प्रदेश के जनवाणी के समस्त कर्मचारियों ने पेन डाउन हड़ताल करने का फैसला ले लिया।अब कर्मचारियों ने प्रबंधन की मनमानी के खिलाफ और बकाया वेतन भुगतान को लेकर अदालत में जाने का निर्णय ले लिया है।
प्रबंधन के कारनामे से शासन-प्रशासन को भी अवगत कराया जाएगा।