भारत के 100 से अधिक प्रमुख लोगों ने एक वक्तव्य जारी कर नेपाल के आंतरिक मामलों में भारत सरकार के हस्तक्षेप का विरोध किया है।
वक्तव्य में इस बात पर प्रसन्नता जाहिर की गयी है कि 20 सितंबर को नेपाल के नये संविधान की घोषणा हो गयी। संविधान की घोषणा पर भारत सरकार की नाखुशी भरी प्रतिक्रिया का जिक्र करते हुए कहा गया है कि ‘अतीत में भारत की विभिन्न सरकारों द्वारा अपनाये गये ‘बड़े भाई’वाली प्रवृत्ति की वजह से दोनों देशों के बीच संबंधों में कटुता आती रही है, जिसे नेपालियों ने भारत की विस्तारवादी नीति के रूप में चिन्हित किया है।’
वक्तव्य में कहा गया है कि ‘यह नेपाली जनता का सार्वभौम अधिकार है कि वह अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करे, यह तय करे कि वहां किस तरह की शासन प्रणाली चाहिए, अपने संविधान की रचना करे और उसमें जिस तरह का परिवर्तन चाहे करे।’
सरकार की मौजूदा नीति पर टिप्पणी करते हुए इसमें कहा गया है कि ‘भारत सरकार ने पड़ोसी देशों के बीच शांतिपूर्ण अस्तित्व के इस सिद्धांत का उल्लंघन किया है।’
वक्तव्य पर हस्ताक्षर करने वालों में प्रमुख बुद्धिजीवियों के अलावा अनेक वामपंथी, जनतांत्रिक और क्रांतिकारी धारा के प्रमुख नेता शामिल हैं।
इनमें एस. सुधाकर रेड्डी, महासचिव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी/अमरजीत कौर,राष्ट्रीय सचिव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी/स्वपन मुखर्जी, पोलिट ब्यूरो सदस्य, सीपीआई (एमएल-लिबरेशन)/के. एन. रामचंद्रन, महासचिव सीपीआई (एमएल-रेड स्टार)/देवब्रत विश्वास, महासचिव, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक/अखिलेंद्र प्रताप सिंह, संयोजक, ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट/शिवमंगल सिद्धांतकर, महासचिव, सीपीआई (एमएल-न्यू प्रोलिटेरियन)/रघु ठाकुर,अध्यक्ष, लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी/अर्जुन प्रसाद सिंह, पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ इंडिया आदि प्रमुख हैं।
अनेक लेखकों, पत्रकारों, शिक्षाविदों, फिल्मकारों आदि ने प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किये हैं। इनमें प्रमुख हैं आनंद पटवर्द्धन (फिल्मकार), अनिल सद्गोपाल (शिक्षाविद्), अमित भादुड़ी और निर्मलांगशु मुखर्जी (एकेडमीशिन) मनोरंजन मोहंती (राजनीति विज्ञानी), एस.पी. शुक्ला (पूर्व वित्त सचिव), कमल नयन काबरा और गिरीश मिश्र (अर्थशास्त्री) और असद जैदी, मंगलेश डबराल,पंकज बिष्ट, विष्णु नागर, नीलाभ, पंकज सिंह, विष्णु खरे, रंजीत वर्मा,उज्जवल भट्टाचार्य, मदन मोहन जैसे कवि-कथाकार, शमशुल इस्लाम (रंगकर्मी), गौतम नवलखा, आनंद स्वरूप वर्मा, राहुल पंडिता, अभिषेक श्रीवास्तव, पलाश बिश्वास, जावेद नकवी, अमलेंदु उपाध्याय जैसे पत्रकार आदि।
इस विज्ञप्ति के साथ मूल वक्तव्य और हस्ताक्षर संलग्न है।
नेपाल में हस्तक्षेप बंद करो
दो सौ वर्ष से भी पुराने राजतंत्र को उखाड़ फेंकने के बाद संविधान सभा के लिए हुए चुनावों के फलस्वरूप अनेक सरकारों द्वारा संविधान को अंतिम रूप देने में असफल होने से भरे सात उथल पुथल वाले वर्षों के बाद आखिरकार 20 सिंतबर को नेपाल के राष्ट्रपति ने नये संविधान की घोषणा कर दी। इसे संविधान सभा के सदस्यों के बहुमत और व्यापक जनसमुदाय का समर्थन मिला। संविधान के अंतर्गत देश धर्मनिरपेक्ष संघीय प्रणाली के तहत सात राज्यों में बांट दिया गया।
संविधान का विरोध एक तरफ तो उन धार्मिक कट्टरपंथियों ने किया जो नेपाल को फिर हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते थे और दूसरी तरफ तराई क्षेत्र के मधेस और थारू समुदाय के नेताओं ने किया जो संविधान में कुछ और अधिकारों तथा प्रतिनिधित्व की मांग कर रहे थे।
नेपाल 2.9 करोड़ लोगों का एक छोटा देश है जो अपने दो बड़े पड़ोसियों चीन और भारत के बीच स्थित है। चीन ने जहां एक तरफ इस संविधान का स्वागत किया है वहीं भारत ने इस बात को लेकर अपनी नाखुशी जाहिर की है कि संविधान ने तराई की जनता की आकांक्षाओं की पूर्ति नहीं की। इससे दोनों देशों के बीच संबंध और कटु हो गये हैं जो अतीत में भारत की विभिन्न सरकारों द्वारा अपनाये गये ‘बड़े भाई’ वाली प्रवृत्ति की वजह से कटु रहे हैं और जिसे नेपालियों ने भारत की विस्तारवादी नीति के रूप में चिन्हित किया है। हम मानते हैं कि यह नेपाली जनता का सार्वभौम अधिकार है कि वह अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करे, यह तय करे कि वहां किस तरह की शासन प्रणाली चाहिए, अपने संविधान की रचना करे और उसमें जिस तरह का परिवर्तन चाहे करे। भारत सरकार ने पड़ोसी देशों के बीच शांतिपूर्ण अस्तित्व के इस सिद्धांत का उल्लंघन किया।
हम नेपाली जनता को उसके संविधान की घोषणा के अवसर पर अपना पूर्ण समर्थन देते हैं। हम नेपाल के आंतरिक मामलों में भारत सरकार के हस्तक्षेप का विरोध करते हैं। हम मानते हैं कि तराई क्षेत्र की जनता सहित यह संपूर्ण नेपाली जनता का अधिकार है कि वह अपने संविधान में मनचाहा परिवर्तन करे। नेपाली जनता के संघर्ष के इस महत्वपूर्ण दौर में हम उसे अपना गर्मजोशी से भरा अभिवादन प्रेेषित करते हैं।
असद जैदी/कविआनंद पटवर्धन/फिल्म निर्माताअखिलेंद्र प्रताप सिंह/राष्ट्रीय संयोजक, ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंटअमरजीत कौर/राष्ट्रीय सचिव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टीअर्जुन प्रसाद सिंह/पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ इंडिया (पीडीएफआइ)अनिल सद्गोपाल/शिक्षाविद्अमित भादुड़ी/एकेडमीशियनआनंद स्वरूप वर्मा/पत्रकार, संपादक ‘समकालीन तीसरी दुनिया’अनूप सराया/चिकित्सक, एआईआईएमएसअरबिंदो घोष/अधिवक्ता, मानवअधिकारकर्मीअमलेन्दु उपाध्याय/हस्तक्षेप डॉट कॉमए.के. अरुण/संपादक युवा संवादअनिल चौधरी/सामाजिक कार्यकर्ताअनवर जमाल/फिल्म निर्माताअशोक कुमार पांडे/कविअरुण त्रिपाठी/पत्रकारअभिषेक श्रीवास्तव/पत्रकारअटल तिवारी/पत्रकारअमित शुक्ला/अधिवक्ताअविनाश पांडे/पत्रकारभूपेंन सिंह/पत्रकारभाषा सिंह/पत्रकारभास्कर उप्रेती, पत्रकारसी.पी. झा,/पत्रकारदेवब्रत विश्वास/महासचिव, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉकदिनकर कपूर/एआईपीएफदुलाली नाग/लेक्चररदिलीप खान/पत्रकारदिगंबर/लेखक, सामाजिक कार्यकर्ताधर्मानन्द लखेड़ा/संस्कृतिकर्मी, प्रगतिशील लेखक संघफिरोज मिठीबोरवाला, मानवअधिकारकर्मीफैसल अनुराग/सामाजिक कार्यकर्तागौतम नवलखा/लेखक, पत्रकारगिरीश मिश्र/अर्थशास्त्रीगोविंद पंत राजू/पत्रकारहिमांश कुमार/सामाजिक कार्यकर्ता और मानवअधिकारकर्मीहर्ष कपूर/पत्रकार, साउथ एशियन सिटिजन्स वायरहिरण्यमय धर/समाजशास्त्रीहिमांशु रंजन/पत्रकारईश मिश्र/जन हस्तक्षेपजया मेहता/जोशी-अधिकारी समाज अध्ययन संस्थान, नयी दिल्लीजावेद नकवी/पत्रकारजावेद अनीस/पत्रकारके.एन. रामचंद्रन/महासचिव सीपीआई (एमएल-रेड स्टार)कुमार सुंदरम/परमाणु विरोधी कार्यकर्ताकुलदीप कुमार, पत्रकारकिशन कालजयी/कवि-पत्रकारकमल नयन काबरा/अर्थशास्त्रीकृष्ण प्रताप सिंह/पत्रकारकुमार राजेश/पत्रकारकौशल किशोर/कवि-संस्कृतिकर्मीकामता प्रसाद/अनुवादककुमार नरेंद्र सिंह/पत्रकारमंगलेश डबराल, कवि, संस्कृतिकर्मीमनोरंजन मोहंती/पूर्व प्रोफेसर दिल्ली विश्वविद्यालयमुशर्रफ अली/पत्रकारमल्लिका शाक्य/साउथ एशियन यूनिवर्सिटीमोइनुद्दीन अहमद,मेहर इंजीनियर/राजनीतिक टिप्पणीकारमदन मोहन/उपन्यासकारमोहिनी भोज/कवयित्रीमहेंद्र प्रताप/प्राध्यापकमनोज कुमार सिंह/पत्रकारमनोज पांडे/कविनित्यानंद गायेन/कविनिर्मलांगशु मुखर्जी/एकेडिमीशियननीलाभ/कवि, संस्कृतिकर्मीप्रशांत टंडन/पत्रकारपीयूष पंत/पत्रकारपांणिनि आनंद/पत्रकार, संस्कृतिकर्मीपलाश बिश्वास/पत्रकारप्रणव प्रियदर्शी/पत्रकारपंकज सिंह/कवि, पत्रकारपंकज श्रीवास्तव/पत्रकारप्रमोद मलिक/पत्रकारपंकज बिष्ट/उपन्यासकार. संपादक ‘समयांतर’कुरबान अली/पत्रकाररघु ठाकुर/अध्यक्ष, लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टीराहुल पंडिता/पत्रकार, येल वर्ल्ड फेलोरेयाज-उल-हक/ पत्रकार, ‘हाशिया’राजेंद्र सायल/सामाजिक कार्यकर्तारामू सिद्धार्थ/पत्रकाररामशिरोमणि शुक्ल/पत्रकाररवि हेमाद्रि,रवींद्र गोयल/प्रध्यापक, सामाजिक कार्यकर्तारॉबिन चक्रवर्ती/साप्ताहिक फ्रंटियररामजी राय/संपादक समकालीन जनमतरंजीत वर्मा/कविरमेंद्र त्रिपाठी/पूर्व प्रशासकएस. पी. शुक्ला/ पूर्व वित्त सचिव, भारत सरकारएस. सुधाकर रेड्डी/महासचिव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टीस्वपन मुखर्जी/पोलिट ब्यूरो सदस्य, सीपीआई (एमएल-लिबरेशन)शिवमंगल सिद्धांतकर, महासचिव/सीपीआई (एमएल-न्यू प्रोलिटेरियन)शिव जोशी/सामाजिक कार्यकर्तासीमा आजाद/राजनीतिक कार्यकर्ता, संपादक-मासिक दस्तकसंदीप राउजी/पत्रकारशेखर पाठक/इतिहासकार, ‘पहाड़’शहनाज इमरानी,एस.आर. दारापुरी/दलित चिंतकशमशुल इस्लाम/रंगकर्मीसुधेन्दु पटेल/सामाजिक कार्यकर्ताशास्त्री रामचंद्रन/लेखक, पत्रकारसुब्रत राजू/वैज्ञानिकतनवीर आलम/राजनीतिक टिप्पणीकारउज्जवल भट्टाचार्य/कवि-पत्रकारविष्णु खरे/कवि-आलोचकविजय सिंह/संपादक ‘रिवोल्यूशनरी डेमोक्रेसी’वीरेंद्र यादव/साहित्यकार संस्कृतिकर्मीविनीत तिवारी/महासचिव, मध्य प्रदेश प्रगतिशील लेखक संघविष्णु नागर/कवि-पत्रकारविद्याभूषण रावत/सामाजिक कार्यकर्ताविली डिकोस्टा/सामाजिक कार्यकर्ता