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मुसीबत में पी जे कुरियन

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रमेश भगत

-रमेश भगत

"...कुरियन की मुश्किलें इस वजह से और बढ़ गई हैं कि इस सामूहिक बलात्कार मामले के मुख्य आरोपी धर्मराजन ने कहा है कि इस घटना के वक्त खुद कुरियन गेस्ट हॉउस में ही मौजूद थे. उसने यह भी कहा है कि तत्कालीन जांच अधिकारी और वर्तमान राज्य सूचना आयुक्त सी बी मैथ्यू ने इस मामले में कुरियन का नाम ना लेने के लिए उस पर दबाव बनाया था..."

पी जे कुरियन
सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले ने राज्यसभा के उपसभापति और कांग्रेस सांसद पी जे कुरियन के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने सुर्यनेल्ली सेक्स स्कैंडल मामले की सुनवाई करते हुए उसने केरल हाई कोर्ट को आदेश दिया है कि वो फिर से इस मामले की सुनवाई करे और सभी आरोपी फिर से अदालत में जमानत की अपील करें।


कुरियनकी मुश्किलें इस वजह से और बढ़ गई हैं कि इस सामूहिक बलात्कार मामले के मुख्य आरोपी धर्मराजन ने कहा है कि इस घटना के वक्त खुद कुरियन गेस्ट हॉउस में ही मौजूद थे. उसने यह भी कहा है कि तत्कालीन जांच अधिकारी और वर्तमान राज्य सूचना आयुक्त सी बी मैथ्यू ने इस मामले में कुरियन का नाम ना लेने के लिए उस पर दबाव बनाया था. 
बहुचर्चितसुर्यनेल्ली सेक्स स्कैंडल सन् 1996 में केरल के इडुक्की जिले के सुर्यनेल्ली में हुआ था। मामला यह था कि 16 साल की एक लड़की को कुछ लोगों ने अपहरण कर लिया। 40 दिनों तक 42 लोगों ने लड़की के साथ बलात्कार किया। उनमें एक आरोपी राज्यसभा के उपसभापति पीजे कुरियन भी हैं।
6 सितंबर2000 को विशेष अदालत ने 35 लोगों को दोषी ठहराते हुए विभिन्न शर्तों पर कठोर कारावास की सज़ा सुनाई थी। पर इन 35 लोगों में पीजे कुरियन का नाम नहीं था। पीजे कुरियन के खिलाफ पीड़िता ने अलग से शिकायत की। लेकिन केरल हाई कोर्ट ने 35 लोगों को बरी कर दिया और सिर्फ़ एक व्यक्ति को सेक्स व्यापार का दोषी मानते हुए पाँच साल की क़ैद और 50 हज़ार रुपए का जुर्माना लगाया था। वर्ष 2005 में लड़की के परिजनों ने सुप्रीम कोर्ट में इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ अपील की।
सुप्रीमकोर्ट के आदेश के बाद केरल का राजनीतिक पारा चढ़ गया है। मुख्य विपक्षी दल सीपीएम ने राज्य सरकार से इस मामले की फिर से जांच करवाने की मांग की है। विपक्षी दलों ने राज्यसभा के उपसभापति के पद से भी पीजे कुरियन का इस्तीफा मांगा है। अपनी मांगों के समर्थन में सीपीएम के साथ विपक्षी दलों ने विधानसभा से लेकर सड़कों तक विरोध-प्रदर्शन किया।
लेकिनराज्य सरकार विपक्षी दलों की मांग से इत्तेफाक नहीं रखती। केरल के कांग्रेसी मुख्यमंत्री ओमान चांडी का कहना है कि पीजे कुरियन पर लगे आरोपों की जांच पहले ही की जा चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने भी पीजे कुरियन को निर्दोष माना है। लिहाजा फिर से जांच का सवाल ही नहीं उठता है।’’
पीजेकुरियन ने भी अपने ऊपर लगे आरोपों को साजिश करार दिया है। उनका कहना है कि पुलिस ने उन पर लगे आरोपों की 4 बार जांच की है। उन्हे दोषी नहीं पाया गया है। लेकिन बलात्कार पीड़िता के घरवालों का आरोप है कि पीजे कुरियन ने अपने राजनीतिक पहुंच का फायदा उठाया है। पीड़िता के घरवालों ने कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पीजे कुरियन को राज्यसभा के उपसभापति पद से हटाने और उनपर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। इस पर कांग्रेस का कहना है कि आरोप की न्यायिक जांच हुई है और पार्टी इस बारे में भावना में बहकर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं कर सकती है।
पार्टीकासमर्थनपानेकेबावजूदपीजेकुरियनकीमुश्किलेकमहोतीनहींदिखरहीहै। मामलेकेअहमगवाहबीजेपीकेएकस्थानीयनेताएसकेराजननेयहकहकरसनसनीफैलादीहैकिपुलिसकीओरसेअदालतमेंपेशकियागयाउनकाबयानवहनहींथाजोउन्होंनेदर्जकरायाथा।राजननेयहभीकहाहैकिवहजांचटीमकाहिस्सारहेपूर्वएडीजीपीसीबीमैथ्यूजकेखिलाफकानूनीकार्रवाईशुरूकरेंगे।

इसमामले पर फैसला देने वाले केरल हाई कोर्ट के तात्कालीन न्यायाधीश ने भी बयान देकर विवाद खड़ा कर दिया है। पूर्व न्यायाधीश का कहना है कि पीड़िता का बाल वेश्यावृत्ति में इस्तेमाल किया गया था, उसके साथ बलात्कार नहीं हुआ था।

सुप्रीमकोर्टकेआदेशकेबादभीमामलासुलझताहुआनहींलगरहाहै।राज्यमेंविपक्षीदलोंनेसरकारपरदवाबबनानाशुरूकरदियाहै।वहींकेंद्रसरकारभीइसमामलेपरज्यादादिनचुपनहींरहसकतीहै।कुछहीदिनोंबादराज्यसभामेंजस्टिसवर्माकमेटीकीसिफारिशोंपरआधारितविधेयकपेशहोगा।ऐसेमेंविपक्षीदलइसबातकोमुद्दाबनासकतेहैकिबलात्कारकेआरोपीकेसामनेहीबलात्काररोकनेकाविधेयककैसेपेशकियाजासकताहै?

रमेशपत्रकार हैं. अभी ईएमएमसी में कार्यरत. 
rameshbhagat11@gmail.com इनकी ई-मेल आईडी है.

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